पूजनीय बाबा साहब अम्बेडकर के महानिर्वाण को ३४ वर्ष हो चुके है (यह लेख १७ मार्च, -१९९१ को पाञ्जन्य में छपा था।) किंतु उनके व्यक्तित्व की आंधी से उड़ी धूल अब तक बैठी नहीं है जिससे उनका उचित मूल्यांकन साफ दृष्टि से किया जाना संभव नहीं है । फिर इसके लिए उचित वातावरण…